एक दिन आता है!


सुनिये रघुवीर सहाय की कविता "एक दिन आता है"। आवाज़ इरफ़ान की है। अवधि एक मिनट।
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इमेज: साभार किमतेलास

Comments

Udan Tashtari said…
अच्छा लगा सुनना.
शायदा said…
अच्‍छा लगा बार-बार सुनना।
Pratyaksha said…
बढ़िया ..
आखरी पंक्ति - वो संघर्श जो नहीं किऐ ..हिसाब मांगते हैं...बहूत अच्छे लगे , वैसे पूरी कविता ही अच्छी है ।
बवाल said…
Are bhaisaheb laut ke bhee aaoge ke nahin ? Itna lamba intzaar karana munasib nahin.

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